छत्तीसगढ़

लापरवाही के चलते मेरे पिता की मौत हुई: राहुल

रायपुर। 50 हजार में पथरी का ऑपरेशन हो जाएगा और तीन-चार दिन में छुट्टी भी हो जाएगा। ऐसा कहकर राजधानी के उर्मिला मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉक्टर ने मुझे झांसा में लिया और मैंने अपने पिता जी कृष्ण कुमार त्रिपाठी उम्र 52 वर्ष जिसे पथरी का इलाज कराने के लिए एमपी से रायपुर आया हुआ था। फिर कृष्ण कुमार का बेटा राहुल त्रिपाठी ने अपने पिता जी को मेमोरियल हॉस्पिटल में भर्ती करा दिया। लेकिन डॉक्टरों की लापरवाही के चलते मेरे पिता जी दो-तीन दिन में दम तोड़ दिया। यहां तक की डैडबॉडी को परिजनों को देने से इंकार कर दिया।

पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस की हस्तक्षेप के बाद पिता जी की लाश मिली। 50 हजार में इलाज कराने का झांसा देकर तीन लाख रुपए का बिल बना दिया। उक्त बातें मीडिया से चर्चा करते हुए मृतक कृष्ण कुमार त्रिपाठी के पुत्र राहुल त्रिपाठी ने बताया। उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी मरीज की जान पथरी इलाज से नहीं नहीं गई है, मेरे पिता जी चलकर अस्पताल पहुंचे, खाना-पीना, उठना बैठना सामान्य था, अस्पताल में टिटमेंट और ऑपरेशन के बाद मेरे पिता जी का अचानक बेहोश हो गया। जब डॉक्टरों से बात की तो कहां एक एक दो घंटे में होश आ जाएगा। लेकिन नहीं हुआ, फिर आनन-फानन में वेटिंलेटर में डाल दिया। उसेक बाद फिर आठ -दस घंटे के मेरे बाबू जी की मौत हो गई।

इस पूरे मामले में जब अस्पताल प्रबंधक और डॉक्टरों से दूरभाषा में संपर्क करने की कोशिश की तो डॉक्टर विनोद सिंह और डॉ. पारकर ने गोल-गोल जबाव देकर मोबाइल बंद कर दिया। डॉक्टरों की गोल-गोल जवाब से मृतक के परिजनों का आरोपों की सचाई सही प्रतीत हो रहा है।

लाश नहीं दे रहे थे डॉक्टर पुलिस के हस्तक्षेप के बाद दिया : परिजन

50 हजार में पथरी का इलाज की बात हुई थी, जैसी ही आपरेशन हुआ, फिर लंबा चौड़ा बिल बना दिया। इस बीच में हमने पिता जी की डैडबॉडी मांगी तो पहले इलाज की राशि को जमा करने के बाद ही लाश दिया जाएगा। कहकर लाश देने के लिए मना कर दिया। पुलिस को सूचना देने के बाद पुलिस और तहसीलदार के हस्तक्षेप के बाद और राशि लेने के बाद ही डैडबाड़ी को परिजनों को सौंपा। मेरे पिता जी के इलाज में डॉक्टरों की बड़ी लापरवाही सामने आया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद कानूनी लड़ाई लडूंगा।

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