छत्तीसगढ़

महिलाओं को रोजगार दिलाने के नाम पर करोड़ो की ठगी, एनजीओ संचालिका गिरफ्तार


रायपुर। राजधानी रायपुर में महिलाओं को रोजगार देने के नाम पर करोड़ो की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने एनजीओ संचालिका को हिरासत में लिया है। मामला पुरानी बस्ती थानाक्षेत्र का है।
मिली जानकारी के अनुसार बीते शुक्रवार को पुरानी बस्ती, कुशालपुर और आसपास की महिलायेंं पार्षद दीपक जायसवाल के नेतृत्व में पुरानी बस्ती थाने पहुंची थी,जहां उन्होंने नारी शक्ति संगठन की संचालिका शोभा ठाकुर और अंगीता श्रीवास पर खाते खुलवाकर बिना बताए बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन करने का गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करवाई थी। महिलाओं ने पुलिस को बताया कि शोभा ठाकुर और अंगीता ने बड़ी संख्या में महिलाओं के बैंक खाते खुलवाए तथा उनके एटीएम कार्ड और सिमकार्ड को अपने कब्जे में ले रखा था साथ ही उन खातों का शोभा ठाकुर द्वारा उपयोग किया जाता था। रोजगार के लिए पंजीयन के नाम से भी महिलाओं से उसने पैसे भी लिए।
बताया जाता है कि शिकायत कर्ता महिलाओं में से एक के पास 943 नंबर की पर्ची मिली थी। इस आधार पर कहा जा सकता है कि शोभा ठाकुर ने महिलाओं के नाम से एक हजार से अधिक खाते खुलवाए होंगे। जानकारी यह भी मिली है कि शोभा ठाकुर ने कर्नाटक बैंक के लालपुर शाखा में ये खाते खुलवाए हैं। इन खातों में 30लाख से पांच करोड़ तक के ट्रांजेक्शन किया। इनमें कोमल सेंदरे 60 लाख,योगिता सेंदरे 56 लाख,राजुला बाघ 1 करोड़ 67 लाख,रेशमा सोनी 37 लाख, दामिनी वर्मा 2 करोड़ 50 लाख,पूर्णिमा मांझी 5 करोड़ 55 लाख,नंदनी देवांगन 77 लाख,ऋतु सेंदरे के नाम के खाते में 50 लाख का ट्रांजेक्शन दिखाई देता है। शिकायतकर्ता महिलाओं को अंदेशा है कि उनके बैंक खातों का दुरूपयोग शोभा ठाकुर और उसकी सहयोगी महादेव सट्टा एप या फि र हवाला लेनदेन में करती रही होगी। मामले में पुिलस ने करीब एक सप्ताह बाद बुधवार को शोभा ठाकुर को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। फिलहाल मामले की जांच-पड़ताल की जा रही है।
फर्जी एनजीओ की जांच होना जरूरी है
राजधानी में ऐसी बहुत सारी एनजीओ संस्थान है जो लोगों को रोजगार दिलाने के नाम पर झांसा देकर उन्हें नौकरी और रोजगार दिलाने के नाम पर अंधेरे में रखकर उनसे पैसा लेकर अपनी दुकान संचालित किया जा रहा है। पुलिस को समय-समय ऐसी फर्जी एनजीओ कार्यों की जांच या आडिट करना चाहिए, जिससे ऐसे फर्जी एनजीओ की पर्दाफाश हो सके और बेरोजगारों को इन जालसाज से बचाया जा सके।

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