फर्जीवाड़ा का खुलासा : छग के निवास प्रमाण पत्र बनवाकर मेडिकल कॉलेज में एमबीएस की पढ़ाई
बिहार की छात्रा छत्तीसगढ़ कोटे की सीट पर दाखिला
बाहरी लोग छत्तीसगढ़ के छात्रों की उपेक्षा
यज्ञ सिंह ठाकुर
बेबात संवाद। शिक्षा जैसे पुनीत पेशे को बदनाम करके कैसे अपनी दुकान चला रहे हैं। यह किसी से छुपा नहीं है। शिक्षा के आड़ प्रदेश प्राइवेट स्कूलों में फर्जी कार्यों को अंजाम देकर लाभान्वित हो रहे हैं और शिक्षा विभाग जांच करना भी मुनासिब नहीं समझता।
आरटीआई से मिली दस्तावेज के अनुसार व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुई शिकायत के अनुसार कार्डिनल प4िलक स्कूल प्रबंधन ने बिना एडमिशन लिए ही एक युवती का फर्जी सर्टिफिकेट बना दिया और उस जाली सर्टिफिकेट को आधार बना युवती ने एमबीबीएस में एडमिशन ले लिया, जिसकी शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी और चिकित्सा शिक्षा विभाग से हुई है।
जानकारी अनुसार कार्डिनल प4िलक स्कूल द्वारा बिहार निवास युवती का फर्जी मार्कशीट बनाया गया। मूलत: बिहार निवासी युवती ने राजधानी सहित प्रदेश में कही भी पढाई नहीं की, ऐसे में मेडिकल कॉलेज में भर्ती लेने छत्तीसगढ़ का फर्जी निवासी प्रमाण पत्र बनवाने राजधानी के निजी स्कूल का फर्जी मार्कशीट बनवाया। इस पुरे खेल में स्कूल प्रबंधन सहित कुछ प्रभावशाली लोग शामिल रहे।
सुनियोजित फर्जीवाड़ा-
कार्डिनल प4िलक स्कूल पूर्व में सुन्दर नगर रायपुर में संचालित होता था, जो कोरोना संक्रमण काल में बंद हो गया। कोरोना संक्रमण के बाद स्कूल का संचालन नए सिरे से प्रबंधन द्वारा भाटागांव में किया जाने लगा। इसी स्कूल के नाम पर बिहार निवासी युवती का बैकडेट में तीसरी, चौथी और पांचवी का मार्कशीट बनाया गया, और उसके आधार पर छत्तीसगढ़ का निवासी प्रमाण पत्र बनाया गया। इस मामले में में जबकि कार्डिनल स्कूल प्रबंधन का मानना है कि स्कूल बंद होने के बाद उनके पास प्रवेश संबंधी कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, ऐसे में वे नहीं बता सकते है उक्त युवती ने कभी एडमिशन लिया या नहीं। बताते है कि फर्जी मार्कशीट बनाने के खेल में आधा दर्जन से अधिक प्रभावशाली लोग शामिल है, जिनके प्रभाव के चलते ही मामला दबा रहा।
दो साल पहले सुंदरनगर कारगिल चौक संचालित होता था
कार्डिनल प4िलक स्कूल दो तीन साल पहले सुंदर नगर के कारगिल चौक से संचालित होता था, अंकसूची में स्कूल का पता मकान नंबर, टेलीफोन सभी अंकित इसके बाद भी स्कूल प्रिंसीपल फर्जीवाडा से इंकार कर रही है। शिक्षा विभाग मामले की संज्ञान में आने के बाद जांच करेगा सच्चाई सामने आ जाएगी। इस मामले में एनएसयूआई का कहना है कि यदि शिक्षा विभाग और उच्च शिक्षा विभाग कार्रवाई नहीं करेगा तो सड़क पर प्रदर्शन किया जाएगा।
छग के छात्रों के हक को मारा जा रहा
शासकीय कोटे के मेडिकल सीट के लिए कितना मारामारी रहता है,छात्र का मैरिड लिस्ट में नाम आ जाने के बाद भी उन्हें एडमिशन नहीं मिलता है वहीं दूसरी तरफ बाहरी लोग अपने रसूख, राजनीति पहुंच के चलते किस तरह छत्तीसगढ़ के हक को रौंदा जा रहा है यह कोई बताने की जरूरत नहीं है। भाजपा की सरकार करप्शन और साफ सुथरी की बात करती लेकिन प्रशासन शासन के नाक नीचे आज भी करप्शन करने में कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं। देखने वाली बात यह है सरकार इस पर कितने गंभीर ये तो आने वाला समय बताएगा?
वर्जन
इस पूरे मामले जब स्कूल की प्रिंसीपल का कहना है कि हमारा स्कूल अभी दो साल हुआ है खुला हम इस लिए हमारे स्कूल से जारी ही नहीं हुआ है कहकर अपना पक्ष रखी है। कुछ दिन पहले जिला शिक्षा अधिकारी को हम जानकारी दे चुके हैं।
मनीषा सिंह, प्रिंसीपल कार्डिनल प4िलक ,रायपुर