छत्तीसगढ़

फर्जी मार्कशीट का मामला: सुंदर नगर में स्कूल सन् 2019-20 में खुला और बंद हुआ तो फिर 2008-10 की अंकसूची कैसे बना दी!


यज्ञ सिंह ठाकुर
रायपुर। कार्डियल पब्लिक स्कूल में फर्जीवाड़ा का मामले में एक नया मोड़ आ गया है। लोकशक्ति अखबार की पड़ताल पर कई चौंकाने वाले सच सामना आए हैं। जैसे-जैसे मामले की तह तक जा रहे रोज एक न एक खुलासा हो रहे हैं। सच परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। जब भी कोई स्कूल बंद किया जाता है तो बीईओ ऑफिस उसकी एक माह के अंदर सूचना दी जाती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। सूचना तो दूर की बात है आज पर्यंत तक कार्डिनल स्कूल के दस्तावेज जिसे पेटी कहा जाता उसे अभी तक बीईओ ऑफिस में जमा नहीं किया गया है। इस संबंध में जब बीईओ ऑफिस के अधिकारियों से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि हमें मौखिक सूचना मिली है, लेकिन स्कूल बंद होने की कोई लेखित अभी तक कोई दस्तावेज हमारे पास उपलब्ध नहीं है। कर्मचारियों ने बताया कि कोरोना काल में लगभग 30-40 स्कूल बंद हो गए हैं, सभी स्कूलों ने अपने के प्रबंधकों ने अपने स्कूल के रिकार्ड दस्तावेज बीईओ कार्यालय में भेज दिया है लेकिन कार्डिनल स्कूल के दस्तावेज हमें आज तक प्राप्त नहीं हुआ है।
अधिकारियों ने नोटिस जारी क्यों नहीं किया
बीईओ आफिस के अधिकारियों ने आखिर दो साल बीत जाने के बाद बावजूद स्कूल के प्रबंधक को नोटिस जारी करने की कोशिश क्यों नहीं की? बीईओ की भूमिका पर भी सवाल उठ रहा है? आज दो साल के बाद भी कोई अथैटिक जानकारी बीईओ कार्यालय में नहीं है। न ही कार्डिनल स्कूल के प्रबंधक ने बीईओ आफिस को लेखित में जानकारी देने उचित नहीं समझा, इससे पता चलता है विभागीय की मिलीभगत और शह में इस तरह की गोरखधंधे को अमलीजामा पहनाने का काम चल रहा है।
2019-20 में स्कूल खुला और बंद कर दिया: पूर्व कर्मचारी
पड़ताल से यह बात भी सामने आई है कि कार्डिनल स्कूल कारगिल चौक, सुंदर नगर में 2018-2019-20 में खुला और बंद हो गया इस दौरान फिर 2009 और 2010 की मार्कशीट कैसे बन गए है? स्कूल की पंजीयन पुराने है या नए यह तो एक दो दिन भी सामने आ जाएगा, फिर स्कूल प्रबंधक की कथनी और करनी बेनकाब हो जाएगा। स्कूल में पूर्व सेवा दे चुके एक कर्मचारी ने बताया कि कार्डिनल स्कूल कारगिल चौक, सुंदर नगर में 2018-2019-20 में खुला और बंद हो गया। इसके बाद स्कूल भाठागांव के पास चला गया।
डीईओ और बीईओ ने नोटिस जारी क्यों नहीं किया
जब कार्डिनल स्कूल कोरोना काल के दौरान बंद हुआ तो एक माह के भीतर स्कूल संचालक को बीईओ दफतर में बंद होने की लिखित में सूचना देना अनिवार्य होता है, लेकिन स्कूल प्रबंधक ने न ही डीईओ को सूचना देना जरूरी समझा और न ही बीईओ को दो साल बीत जाने के बाद भी न ही डीईओ आफिस ने स्कूल प्रबंधक को स्कूल बंद किये जाने के कारण नहीं पूछा नोटिस जारी किया। कहीं स्कूल प्रबंधक और अधिकारियों की मिलीभगत तो नहीं है?

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