छत्तीसगढ़

सैकड़ों की संख्या में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाकर कर रहे नौकरी,सरकार मुकदशक बने: बोहित चंद्राकर


जिला मेडिकल बोर्ड मे डॉक्टरो से लेनदेन कर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा लेते है: दिव्यांग संघ
डिप्टी कलेक्टर, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरूण साव मंत्री, ओपी चौधरी, लक्ष्मी रजवाडे, राम विचार नेताम से प्रत्यक्ष मुलाकात कर अपना मांग रखे है
रायपुर, दैनिक लोकशक्ति। सब जगह हम घुम घुम के थक चुके है । हम बताना चाहते है कि हमारा संघ छ.ग. राज्य के वास्तविक दिव्यांगजनो के अधिकार संरक्षण का कार्य करता है। अभी हाल ही में आपने पूजा खेडकर फर्जी दिव्यांग आई. ए. एस. के बारे में सुना ही होगा । हमारा केस भी इसी तरह का है। लेकिन हमारा शिकायत शासन प्रशासन से विगत 2 साल से चल रहा है। छ.ग. शासन मे वर्तमान में दिव्यांगजनो के लिए आरक्षित पदो मे से लगभग 50 प्रतिशत पदो पर फजी दिव्यांग लोग कार्यरत है। ये लोग जिला मेडिकल बोर्ड मे डॉक्टरो से लेनदेन कर फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा लेते है । छ.ग मे फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाने हेतु कई गैंग सकिय है वे 50 हजार से 1 लाख रूपये में फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा देते हैं। कुछ केस डॉक्टरो या स्टॉफ की जानकारी में होती है लेकिन अधिकतर केस में प्रमाण पत्र बनवाते समय अन्य वास्तविक दिव्यांगको पैसा देकर अपने जगह पेश करते है जिससे डॉक्टरो के द्वारा अआसानी से प्रमाण पत्र जारीकर दिया जाता है। इस प्रकार से फर्जी व्यक्ति नौकरी में लग जाता है, और वास्तविकदिव्यांगजन इससे वंचित रह जाता है। दिव्यांग व्यक्ति का जीवन संघर्षों से भरा होता है । येलोग हमारे अधिकार पर लोग डाका डाल रहे । इन लोगो का पुख्ता सबूत हमारे पास है तथाइसमें से कई लोग हभारे संघ के सदस्यो के सथ पढ़े लिखे है ।
उक्त बातें बुधवार को प्रेस क्लब में एक पत्रकार वार्ता के दौरान कही उन्होंने कहा कि सरकार के मुख्यमंत्री और विभाग के मंत्री, उच्चाधिकारी के संज्ञान में है लेकिन उसके बावजूद सरकार इसमें कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। इसलिए हम पैदल मार्च यात्रा निकाल कर राज्य सरकार को दर्पण दिखाने की कोशिश करेंगे।
वार्ता में बोहित चंद्राकर ने कहा कि हमारे संघ के द्वारा प्रारंभिक तौर पर छ. ग. पी.एस.सी सेचयनित 7 डिप्टी कलेक्टर, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, अरूण साव मंत्री, ओपी चौधरी, लक्ष्मी रजवाडे, राम विचार नेताम से प्रत्यक्ष मुलाकात कर अपना मांग रखे है लेकिन अभी भी।काई विशष परिणाम नही आया है। हमारे शिकायतो में उल्लेखित नामो में से केवल 3 का राज्यभी कागजी घोडा दौड रहा हैभीडिकल से परीक्षण हआ है। जिसमे तीनों फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके है। जिसमें से 1 रिचापुब सहायक संचाालक कषि महासमंद बख्खास्ति हो चकी है। लेकिन उस पर विभाग ने आज??नाक तक प्राथमिकी दर्ज नही कराइ है। बचे 2 लोग सत्येन्द्र सिंह चंदेल व्याख्याता जिलाजाजगीर एवं ।अक्षय सिंह रराजपूत क्याख्याता जिला मुंगेली का बर्खास्ती आज दिनांक तक नहीं होपाया है। विभाग इन दोनों का मदद कर रहा है।सभी विभाग अपने अधिनस्त अधिकारी कर्मचारी को दिव्यांगता कापरीक्षिण करवाने हेतु पत्राचार करते है लेकिन हमारे शिकायत मे उल्लेखित लगभग 200 लोगों मेंसे केवल 3 लोग ही राज्य / संभाग मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित हुए है जिसमें से तीनोंफर्जी साबित हो चुके है बाकि लोग डर में राज्य / संभाग मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपर्थित नहीहो रहे है। विभागो को इनका वेतन रोक कर कडी कार्यवाही करना चाहिए लेकिन विभाग केलीग लेन्देन कर उनको सहयोग कर रहे है पत्र इस प्रकार से गलत तरीके से निकालते है किउन्हें कोट से स्टै मिल जाये या फिर जाच न कराने पर भी उस पर कोई कार्यवाही न हो।छग. शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग केपरिपत्र कमांक 18-04/2011/नौ / 17 दिनांक 25.02.2011 के आदेश के तहत जिला मेडिकल बोर्ड का अपील संभाग मेडिकल बोर्ड मे होगा एवं संभाग मेडिकल बोर्ड का अपील राज्य मेडिकल बोर्डमे होगा। हमारे शिकायतो मे उल्लेखित सभी लोगो का दिव्यांग प्रमाण पत्र जिला मेडिकल बडे से बना है। लेकिन संबंधित विभाग इस परिपत्र का पालन नहीं कर रहा है।
फर्जी तरीके से नौकर रहे है उन्हें तत्काल बाहर किया जाए
गलत सलत पत्र निकाल कर संबंधितो फर्जी दिव्यांग साबित हो चुके सत्येन्द्र सिंह, सिंह राजपूत व्याख्याता जिला मुंगेली को तत्काल नौकरी से निकाला जाए। रिचा दबे सहायक संचालक कृषि महासमंद बखस्त हो चुकीहै। उस पर त्कालप्राथमिकी दर्ज हो। वास्तविक दिव्यांगजन शासकीय अधिकारी कर्मचारी को केन्द्र के प्रतिशत पदोन्न्ती मे आरक्षण दिया जावे जिसका गणना केन्द्र के समान 1.1.16 से किया जव।7. छ.ग. राज्य मे दिव्यांगजनो केवल 500 रू. पेशन दिया जाता है धन धान्य से परिपूणहमारे राज्य मे उन्हें सभी राज्यो से अधिक 5000 रू. प्रतिमाह पैंशन दिया जावे। पेंशनहेतू बी0पी0एल0 की बाध्यता खत्म हो। कई राज्य 3500 से 4072 रू तक प्रतिभाह पैंशनदिव्यांगो को दे रहे है ।?. दिव्यांगता के कारण दिव्यांग बहनो के शादी नही हो पा रहा है जिन्हे महतारी भी महतारीवंदन योजना का लाभ दिया जावे।?. आपको बताना चाहेंगे कि मुंगेली जिला के लोरमी विकासखंड के 9–10 गांय में प्रत्येकगांव से 100-200 लोग श्रवणबाधित कान के फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवा कर नौकरीकर रहे है। न जाने क्या महामारी है उस गांव मे मां बाप बच्चे के साथ साथ बहु जोअन्य गांव से शादी होकर आती है वो भी श्रवणवाधित हो जाती है।

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