छत्तीसगढ़

सिंचाई का पानी रोजाना लाखों लीटर नाला में, इधर 500 एकड़ की फसल सूखा

आरंग ब्लाक के ग्राम बिरबिरा का मामला, गांव के समाजसेवी अभिनव की पहल और जागरुकता से मामला तूल पकड़ा

किसानों ने अपने स्तर पर संबंधित अधिकारियों की संज्ञान लाया लेकिन मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया। बता दे कि आरंग ब्लाक के ग्राम बिरबिरा में करीब 1.50 करोड़ की लागत से सीसी नहर और पाइप लाइन विस्तार का कार्य किया जा रहा है।

बरसात लगते ही ठेकादार वर्किंग कार्य शुरू कर दिया। कार्य पूर्ण नहीं होने की वजह से अब किसानों को धान की फसल को पकाने के लिए अब पानी की जरूरत पड़ रही है। लेकिन नहर के कई हिस्से को बड़े-बड़े गढ्ढे खोद देने की वजह से नहर का पानी आगे नहीं जा पा रहा है। जिसकी वजह से लगभग दो तीन गांव प्रभावित हो रहा है जिसके 500 एकड़ फसल बर्बाद होने की स्थिति में आ जाएगी। इतनी बड़ी क्षति की भरपाई आखिर कौन भरेगा? पिछले 15 दिनों से किसान विभाग के दफ्तर में शिकायत लेकर जा रहे हैं लेकिन उनका कोई नहीं सुन रहा है। ऐसे में किसान जाए तो कहा जाए। इस मामले को जब मीडिया ने उठाया तो अधिकारी हरकत में आया और आनन-फानन में नहर के गढ्ढे को जेसीबी की मदद से पाटा जा रहा है। उपसरपंच धनेश साहू और पंच सहित समाज सेवक व किसान नेता अभिनव दीवान, ग्राम प्रमुख महेश साहू, सतन साहू, पंच रोशन साहू, सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मीडिया से चर्चा करते हुए जलसंसाधन और ठेकेदार की लापरवाही की वजह से हम किसानों परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है।

मेरे संज्ञान में मीडिया के माध्यम से आया है, मैंने विभाग के संबंधित अधिकारी को मामला की जानकारी दे दिया हूं किसानों की समस्या त्वरित निराकरण करवा कर मैं खुद निरीक्षण के लिए जाउंगा।
पुष्पेन्द्र शर्मा, एसडीएम, आरंग

रोजाना लाखों लीटर पानी नाला में बह रहा: उपसरपंच
हमारे गांव में नहर का पानी आ रहा है लेकिन किसानों के खेत तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, उसका कारण यह है कि हमारे गांव में जल संसाधन द्वारा नहर को सीसी रोड बनाने के लिए नहर को जगह-जगह खोद दिया गया है, जिसकी वजह से पानी खेत तक नहीं जा पा रहा है और पानी नाला में बह रहा है। हमने जल संसाधन विभाग के एल विश्वकर्मा से लिखित में शिकायत की लेकिन उन्होंने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। जिसके वजह से हमारे खेत सूखा पड़ा हुआ है।

ठेकादार और विभाग की लापरवाही: ग्रामप्रमुख
हमने नहर की शुरुआती दौर में ही कहा कि निर्माण कार्य रोक दीजिए बोले थे, क्योंकि अभी बरसात लग जाएगी, जिससे काम अधूरा हो जाएगा और हमें पानी नहीं मिलेगा लेकिन हमारी एक नहीं सुना और आज वहीं हुआ जिसका डर था, नहर से पानी तो आ रहा है, लेकिन पानी खेत तक नहीं पहुंच पा रहा है। पांच सौ एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगा, इसकी भरपाई आखिर कौन भरेगा।

यदि समय पर पानी नहीं मिला तो, पांच सौ एकड़ फसल बर्बाद हो जाएगी: अभिनव
समाज सेवक और किसान अभिनव दीवान ने बताया है कि जल संसाधन विभाग और ठेकेदार की निष्क्रियता के चलते करीब तीन गांवों के किसानों के खेत में सिंचाई के लिए नहर का पानी छोड़ा जा रहा है। लेकिन यह पानी खेत तक नहीं जा पा रहा है। जिससे किसान परेशान और चिंतित हैं। हमने कई बार विभाग के आलाधिकारी और ठेकेदार को इसकी शिकायत की लेकिन ये लोग हमारे निवेदन को अनसुना कर दिया। परिणाम स्वरूप लाखों लीटर नहर का पानी नाला में बह रहा है और हमारे खेत सूखा पड़ा है। मैंने विभाग के मंत्री के पीए और संबंधित अधिकारी के संज्ञान में लाया हूं उसके बावजूद भी अधिकारियों के कानों जूं तक नहीं रेंगा। अगर हमारी मांग नहीं सुनी गई तो हम आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे।

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