छत्तीसगढ़

निस्तारीकरण की जमीन पर कब्जा का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

ग्राम नकटी पंचायत का मामला, एक-दूसरे पर लगा रहे है जमीन कब्जा करने का आरोप

रायपुर से लगा ग्राम पंचायत नकटी (सम्मानपुर) में जमीन संबंधित विवाद का मामला सामने आया है। दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले में प्रशासन मूकदशक बने हुए है। दोनों पक्ष चाहते हैं कि निष्पक्ष जांच हो लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ रही है। यदि कोई अप्रिय घटना घट जाएगा तो इसका जिम्मेदार कौन होगा। इस पूरे प्रकरण में शासन -प्रशासन निष्पक्ष जांच करें ताकि ग्रामीणों में एक-दूसरे के प्रति सदभावना की भावना बना रहे।
पूरा मामला यह है कि रायपुर से करीब 15 किमी दूर स्थित ग्राम पंचायत नकटी (सम्मानपुर) दो समुदाय में तनातनी की स्थिति निर्मित हो रही है। संजय सारंग, डेविड कुमार, हेमंत सहित अन्य लोगों का कहना है कि जैतखाब के स्थित जमीन विवाद की असली जड़ है। इन लोगों का कहना है कि उक्त जमीन सरकारी है। प.ह.नं. 77 तहसील व जिला रायपुर खसरा नंबर 699,305 रकबा 06640,0.0400 हे. जमीन को कूटरचना व फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन को कब्जा करने की कोशिश करने का आरोप लगा रहे हैं।
वहीं इस पूरे आरोप को खारिज करते हुए बालमुंकुद चौबे का कहना है कि संजय सारंग द्वारा जो आरोप लगा रहे है वह निराधार है। मेरे पास ओरिजनल दस्तावेज है। मैं दस्तावेज पर बात कर रहा हूं। आप चाहे तो राजस्व विभाग से देख सकते हैं। जो नाम कुछ त्रुटिवंश है वह विभाग की गलती है। हमारी गलती नहीं है। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने अपना पक्ष रखा।
वहीं इस पूरे मामले में जब अनुविभागीय अधिकारी एसडीएम नंदकुमार चौबे की संज्ञान लाया तो उन्होंने कहा कि मुझे भी तहसीलदार के माध्यम से जानकारी मिली है। जांच होने के बाद ही पता चलेगा, अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी। इस मामले का में, मैं जांच कराता हूं। वहीं अतरिक्त तहसीलदार विनोद साहू ने कहा कि गांव वालों को यदि फर्जी जमीन की शिकायत है तो बिन्दुवार लिखकर आवेदन करे जांच होगी क्यों नहीं होगी। परंतु पहले बिन्दुवार आवेदन करे जांच होगी। इस मामले में मैंने पहले ही गांव वालों कहा था।

फर्जी दस्तावेज बनाकर जमीन कब्जा करने का आरोप

संजय सारंग, डेविड कुमार, हेमंत का आरोप है कि कुटरचना व फर्जी दस्तावेज बनाकर नक्शा-खसरा, बंटाकन का विलोपित कर सरकारी जमीन को कब्जा किया जा रहा है। पटवारी, आरआई व तहसीलदार की मिलीभगत से ये कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। प्रशासन निष्पक्ष जांच करे तो सचाई सामने आ जाएगी। हम चाहते है कि शासन निष्पक्ष जांच कराएं यदि जमीन बालमुंकुद है तो असली पेपर, दस्तावेज सामने रखे। रामजीवन कौन हैं कहां से आया है, ओबीसी कैसे हो गया, पटवारी प्रतिवेदन रामजीवन ही दर्शाए गए है, न जाति न पिता का नाम अंकित है, न गांव वालों किसी पंचनाम या गवाही है। ये सब त्रुटि फर्जी दस्तावेज की ओर अंकित करता है। हम चाहते हैं कि इस पूरे मामला का निष्पक्ष जांच हो।

नीलमणि चौबे द्वारा नाली की जमीन को कब्जा करने की बात सामने आई है। कुछ लोगों ने कहा कि यहां से नाला गुजरा है जो उनके घर के सामने से गुजरा है, नाला को कब्जा कर लिया है। जिससे पानी का निकासी नहीं हो रहा है। गांव के हजारों किसान इस नाला का पानी से फसल की सिंचाई करते थे, अब सिंचाई से किसान वंचित हो गए हैं।

चरागाह की जमीन पर कब्जा का आरोप

ग्राम नकटी में गांववालों ने सामाजिक निस्तारीकरण के लिए पशु- मवेशियों की चरागाह के लिए 50-53 एकड़ जमीन आरक्षित किया गया है। लेकिन यह भी जमीन कुछ लोगों की नजर में आ गए हैं। गिट्टी खदान के पास लगभग एक से दो एकड़ जमीन पर फ्रेंसिंग तार से घेराकर उक्त जमीन को बेचने का भी आरोप लगा रहे हैं। वहीं गांव के कई लोगों ने भी चरागाव की जमीन पर घर बनाने की खबर आ रही है।

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